नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया है. दोनों ने पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (parambir singh) द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार और 100 करोड़ की वसूली के आरोपों के बाद आए CBI जांच के आदेश को चुनौती दी थी.
जारी रहेगी CBI जांच
जस्टिस संजय किशन कौल और हेमंत गुप्ता की डबल बेंच ने याचिका पर सुनवाई के बाद सीबीआई जांच जारी रखने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा, ‘अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं. गृह मंत्री और पुलिस कमिश्नर इसमें शामिल हैं. यह आरोप ऐसे व्यक्ति का है जो गृह मंत्री का विश्वासपात्र था. अगर ऐसा नहीं होता तो उसे कमिश्नर का पद नहीं मिलता. यह कोई राजनीतिक प्रतिद्वंदिता का मामला नहीं है.
कपिल सिब्बल ने CBI जांच पर एतराज जताया
लेकिन देशमुख के वकील कपिल सिब्बल ने CBI जांच पर एतराज जताया. जिस पर कोर्ट ने कहा कि आपको जांच एजेंसी चुनने का हक नहीं है. परमबीर या पुलिस आपके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी तो हैं नहीं. आरोप दोनों ओर के हैं तो कोई स्वतंत्र एजेंसी जांच करे तो क्या हर्ज है. सुप्रीम कोर्ट ने फिर दोहराया इस मामले में स्वतंत्र जांच जरूरी है. इसलिए याचिका रद्द की जाती है.
‘हम उम्मीद करते हैं कि ऐसी स्थिति न आए’
इसके बाद सिब्बल ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि SC नियम बनाए कि जब भी बड़े पद पर बैठ व्यक्ति, बड़े पद पर बैठे किसी दूसरे व्यक्ति पर कोई आरोप लगाए तो सीधे जांच होगी. मैं जानता हूं कि आप ऐसा करेंगे क्योंकि यह गलत होगा.’ इस का जवाब देते हुए जस्टिस गुप्ता ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि ऐसी स्थिति न आए, जहां डीजीपी गृह मंत्री पर आरोप लगाए.’