SC में किसान आंदोलन पर सुनवाई, CJI बोले- प्रदर्शन किसानों का हक, कमेटी बनाकर हल निकले, रास्ता ना हो जाम
कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है और आज इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में लगातार दूसरे दिन सुनवाई हो रही है. बीते दिन अदालत ने मुद्दा सुलझाने के लिए जिस कमेटी के गठन की बात कही थी, आज उस पर तस्वीर साफ हो सकती है.
प्रदर्शन किसानों का हक: CJI
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन का हक है, लेकिन ये कैसे हो इस पर चर्चा हो सकती है. अदालत ने कहा कि हम प्रदर्शन के अधिकार में कटौती नहीं कर सकते हैं. अदालत ने कहा कि प्रदर्शन का अंत होना जरूरी है, हम प्रदर्शन के विरोध में नहीं हैं लेकिन बातचीत भी होनी चाहिए. चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें नहीं लगता कि किसान आपकी बात मानेंगे, अभी तक आपकी चर्चा सफल नहीं हुई है इसलिए कमेटी का गठन जरूरी है. अटॉर्नी जनरल ने अपील की है कि 21 दिनों से सड़कें बंद हैं, जो खुलनी चाहिए. वहां लोग बिना मास्क के बैठे हैं, ऐसे में कोरोना का खतरा है.
दिल्ली वालों को हो रही परेशानी: हरीश साल्वे
सबसे पहले हरीश साल्वे पक्ष रख रहे हैं. हरीश साल्वे ने कहा कि इस प्रदर्शन के कारण दिल्लीवासी प्रभावित हुए हैं. ट्रांसपोर्ट पर असर के कारण सामान के दाम बढ़ रहे हैं. अगर सड़कें बंद रही तो दिल्ली वालों को काफी दिक्कत होगी. हरीश साल्वे ने कहा कि प्रदर्शन के अधिकार का मतलब ये नहीं कि शहर बंद कर दिया जाए. इस पर चीफ जस्टिस की ओर से कहा गया कि हम इस मामले में देखेंगे, किसी एक मसले की वजह से दूसरे के जीवन पर असर नहीं पड़ा चाहिए.
SC में शुरू हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में लगातार दूसरे दिन किसान आंदोलन के मसले पर सुनवाई शुरू हो गई है. चीफ जस्टिस ने सबसे पहले पूछा कि हरीश साल्वे किसकी ओर से पेश हो रहे हैं और भारतीय किसान यूनियन की ओर से कौन पेश हो रहा है. चीफ जस्टिस ने सुनवाई शुरू होते ही कहा कि अभी कानून को लेकर चर्चा नहीं है, शुरुआत में सिर्फ प्रदर्शन को लेकर बहस होगी. कानून वैध हैं या नहीं, इस पर बाद में बहस हो सकती है.
HC में नहीं सुना गया मामला
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को किसान आंदोलन से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार किया. HC का कहना है कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है, तो यहां अभी सुनवाई की जरूरत नहीं है.
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