पटना. राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने सरकार से मांग की है कि विधालयों में शिक्षकों की भारी कमी को देखते हुए सीटीईटी, टीईटी या सीटीईटी उत्तीर्ण किये हुए सभी शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देकर विधालयों में योगदान कराया जाये।
राजद प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर शिक्षक नियुक्ति के मामले में कोई न कोई पेंच फंसाते रहती है। जब एसटीइटी उतीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या रिक्तियों से काफी कम है तो फिर मेघा-सूची बनाने का सवाल कैसे पैदा हो गया? मेघा-सूची की आवश्यकता तो तब होती जब क्वालिफाइड अभ्यर्थियों की संख्या से रिक्तियों की संख्या कम होती। बिहार में मेधावी छात्रों की कमी नहीं है पर जानबूझकर टीईटी और एसटीइटी परीक्षाओं के ऐसे नियम बना दिए जाते हैं कि अपेक्षित संख्या में अभ्यर्थी उतीर्ण हीं नहीं हों। जब विज्ञापित पदों से भी कम अभ्यर्थियों को पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण किया गया है तो फिर ये मेघा-सूची बना कर उतीर्ण अभ्यर्थियों का नाम हटा कैसे दिया गया?
गगन ने कहा कि प्राथमिक शिक्षकों के विज्ञापित पदों मे भी लगभग चार हजार और माध्यमिक विधालयों में लगभग छह हजार पद कम कर दिया गया है। बिहार में चार लाख से ज्यादा शिक्षकों के पद रिक्त हैं। शिक्षा मंत्री ने भी विधानसभा के पिछले सत्र में कहा है कि बिहार में 3,15,778 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। अभी 1,21,376 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। इस नियुक्ति के बाद भी लगभग दो लाख शिक्षकों के पद खाली रह जायेंगे। शिक्षक नियुक्ति के मामले में सरकार के पिछले रवैये को देखकर शिक्षक अभ्यर्थियों को शिक्षा मंत्री के बातों पर भरोसा नहीं हो रहा है। सरकार से हमारी मांग है कि बगैर किसी औपचारिकता के टीईटी, एसटीइटी और सीटीईटी उतीर्ण सभी शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देकर विधालयों में योगदान करवाया जाए।