राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने फिनोलेक्स केबल की वार्षिक आम बैठक के परिणामों के खुलासे से संबंधित, गत शुक्रवार को पारित अपने आदेश पर रोक लगा दी। इस मामले में उच्चतम न्यायालय के जांच का आदेश देने के बाद एनसीएलटी ने अपने फैसले पर सोमवार को रोक लगा दी।
एनसीएलटी की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देनजर वह 13 अक्टूबर 2023 को पारित अपने फैसले को ”निलंबित करने का आदेश” पारित कर रही है। यह आदेश फिनोलेक्स केबल्स की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) और कंपनी के प्रबंधन नियंत्रण को लेकर प्रकाश छाबड़िया और दीपक छाबड़िया की कानूनी लड़ाई से संबंधित है।
उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में शुक्रवार को एनसीएलएटी अध्यक्ष को जांच करने और सोमवार तक एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। आरोप है कि उसकी एक पीठ ने शीर्ष अदालत के निर्देशों का पालन किए बिना एक आदेश पारित किया।प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय शीर्ष अदालत की पीठ ने 13 अक्टूबर को एनसीएलएटी को जांचकर्ता की रिपोर्ट मिलने के बाद ही अपने फैसले पर आगे बढ़ने और बैठक के नतीजे घोषित करने का निर्देश दिया था।
उच्चतम न्यायालय का आदेश 13 अक्टूबर को दोपहर एक बजकर 55 मिनट पर ‘अपलोड’ किया गया और वकील ने एनसीएलएटी पीठ को भी घटनाक्रम की जानकारी दी जो मामले में दोपहर दो बजे फैसला सुनाने वाली थी।हालांकि, एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने मामले पर आदेश सुनाया, जबकि जांचकर्ता की रिपोर्ट 13 अक्टूबर को दोपहर दो बजकर 40 मिनट पर ‘अपलोड’ की गई। पीठ में न्यायमूर्ति राकेश कुमार (सदस्य न्यायिक) और आलोक श्रीवास्तव (सदस्य तकनीकी) शामिल थे ।
शीर्ष अदालत को वकीलों द्वारा तत्काल घटनाक्रम के बारे में अवगत कराया गया और मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘यदि जो कहा गया है वह सही है, तो यह स्पष्ट रूप से एनसीएलएटी द्वारा इस अदालत के आदेश की अवहेलना होगी।” उच्चतम न्यायालय ने मामले को 17 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा था, ‘‘हम असाधारण परिस्थितियों में इस संबंध में तत्काल जानकारी मिलने पर यह आदेश पारित कर रहे हैं।”