होम बिहार अस्पताल में प्रसव के बाद महिला की मौत, लोगों ने काटा बवाल

अस्पताल में प्रसव के बाद महिला की मौत, लोगों ने काटा बवाल

बिचौलियों के चक्कर में जाती है लोगों की जान

 समस्तीपुर (विभूतिपुर). विभूतिपुर थाना क्षेत्र के प्रखंड कार्यालय के निकट एक निजी अस्पताल में प्रसव के बाद इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई, जिससे आक्रोशित लोगों ने सिंघिया घाट नरहन मुख्य पथ पर निजी हॉस्पिटल के सामने शव रख कर कई घंटे हंगामा करते रहे। मृतक भरपुरा पटपारा पंचायत चौचाही गांव वार्ड 13 निवासी अजय कुमार के पत्नी रिंकू देवी बताई गई है। घटना की जानकारी मिलते ही विभूतिपुर पुलिस एवं अंचलाधिकारी अपने दल बल के साथ जाम स्थल पर पहुंचकर लोगों से वार्ता कर कार्रवाई का आश्वासन दिया.

पुलिस ने बताया कि मृतक 3 दिन पहले प्रसव के लिए अस्पताल किसी बिचौलियों के माध्यम से आया था। जाम स्थल पर बताया जा रहा था कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विभूतिपुर लाने के नाम पर कुछ बिचौलियों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां सामान्य तरीके से प्रसव हुआ उसके बाद किसी अन्य कारणों को लेकर कार्यरत अस्पताल के डॉक्टरों के द्वारा उसका ऑपरेशन कर दिया गया। इस दौरान अधिक रक्तस्राव होने लगा। जिसके कारण स्थिति बिगड़ते देख डॉक्टर ने उसे समस्तीपुर रेफर किया। जहां इलाज के लिए जाने के दौरान रास्ते में उसकी मौत हो गई। उसके बाद शव को मृतक के घर भरपुरा पटपारा पहुंचा दिया गया। जैसे ही परिजनों ने युवती को मृत अवस्था में देखा गांव में आक्रोश बढ़ने लगा.  स्थानीय लोग एवं परिजन शव को  लेकर सैकड़ों की संख्या में निजी अस्पताल परिसर पहुंचकर हंगामा करने लगे. सिंघिया घाट नरहन मुख्य पथ को जाम कर घंटों भर बवाल काटते रहे। इस दौरान आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अंचलाधिकारी आदित्य विक्रम एवं थानाध्यक्ष चन्द्र कांत गौरी ने काफी मशक्कत के बाद परिजनों एवं आक्रोशित लोगों को समझाने में सफल रहे। थाना अध्यक्ष चन्द्र कांत गौरी ने बताया कि परिजनों के द्वारा किसी भी प्रकार का आवेदन नहीं दिया गया है वैसे सामाजिक पहल की जा रही है आवेदन मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना में मानवता भी हुई शर्मसार

हद तो तब हुई जब सरेआम सैकड़ों लोगों के बीच महिला के शव के साथ विभिन्न पदाधिकारी एवं कर्मी पीछे-पीछे काफिले में चल रहे थे. वहीं शव को परिजन के द्वारा हाथ पर टांग कर लगभग आधा किलोमीटर दूरी तय कर थाना लाया गया। कोई ऐसी गाड़ी प्रशासन के पास नहीं थी, जिससे सम्मान के साथ शव को थाना तक लाया जा सके।

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