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बिहार को ‘विशेष राज्य का दर्जा’ का सौगात लेकर लौटें मुख्यमंत्री : राजद

पटना. राष्ट्रीय जनता दल ने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री जी इस बार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा का सौगात लेकर दिल्ली से पटना लौटेंगे। बिहार के बंटवारे के समय से हीं राष्ट्रीय जनता दल बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठा रहा है।
राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि अभी कुछ हीं दिन पूर्व नीति आयोग के रिपोर्ट मे बिहार को विकास के सबसे निचले पायदान पर दिखाये जाने के बाद जदयू द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की गई थी। नीतीश जी जब महागठवंधन से अलग होकर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाये थे , उस समय कहा गया था कि डबल इंजन की सरकार बनने पर बिहार का विकास तेज गति से होगा। विधानसभा चुनाव के दौरान भी प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सहित नीतीश जी ने भी बिहार की जनता से विकास की रफ्तार को और तेज करने के लिए बिहार में डबल इंजन की सरकार की अनिवार्यता बताई थी। कुछ कालखंड को छोड़कर बिहार में लगभग सात वर्षों से डबल इंजन की हीं सरकार है । इसके बावजूद विकास के मामले में बिहार आज 2005 से भी पीछे चला गया है।

एनडीए सरकार के सारे दावों की पोल जब नीति  आयोग के रिपोर्ट ने खोल दिया तो जदयू नेताओं द्वारा “बिहार को विशेष राज्य का दर्जा” देने की माँग दुहराई जाने लगी। इसके पहले भी जब – जब भाजपा पर दबाव बनाना होता है जदयू इसे अपने हथियार के रूप में इस्तेमाल करती है।
मुख्यमंत्री काफी दिनों के बाद दिल्ली गये हैं। यह यात्रा निजी है या अधिकारिक इससे कोई अन्तर पडने वाला नहीं है। प्रधानमंत्री जी से मिलने का यदि पहले से कोई निर्धारित कार्यक्रम नहीं भी हो तो भी वे उनसे मिलकर “बिहार को विशेष राज्य का दर्जा” देने की घोषणा करवा सकते हैं। साथ हीं प्रधानमंत्री जी ने बिहार के लिए जिस “विशेष पैकेज” की घोषणा की थी, उसे भी मांग लेंगे। प्रधानमंत्री जब पटना विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में आये थे तो मुख्यमंत्री जी द्वारा उनसे पटना विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाने की मांग किया गया था। उसकी स्वीकृति लेने का भी यह अनुकूल समय है। प्रधानमंत्री जी से अपने दल को मंत्रिमंडल में शामिल करने की माँग से बेहतर होगा कि नीतीश जी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, बिहार के लिए विशेष पैकेज और पटना विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाने की मांग को स्वीकृति दिलाने में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें। वैसे भी केन्द्रीय मंत्रीमंडल में पहले से बिहार के कई मंत्री हैं पर अभी तक वे बिहार को कोई खास लाभ नहीं पहुँचा सके हैं।

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