पिछले साल की सूची को ही आधार बनाकर इस साल सूची बनने की हो रही कोशिश
बेतिया. भाकपा-माले के सिकटा से विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने जिला अधिकारी बेतिया को पत्र लिखकर कहा है कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बाढ़ पीड़ितों को राहत देने के लिए बन रहीं सूची अनियमितता बरती जा रही है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में न जाकर अधिकारी- कर्मचारी आफिस में बैठे – बैठे टेबल वर्क कर पिछले साल की सूची को ही आधार बना कर इस साल की सूची बनाने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि पिछले साल की सूची में काफी अनियमितता थी. वास्तविक बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों और अत्यधिक बाढ़ से प्रभावित लोगों का नाम सूची से गायब था. लाखों लोग बाढ़ राहत से बंचित रह गये थे, जिसके खिलाफ जिले में सैकड़ों स्थानों पर सड़क जाम, प्रखण्डो का घेराव, विरोध प्रदर्शन आदि रूपों में जनता का आक्रोश सामने आया था, जानता के आक्रोश को दबाने के लिए प्रशासन द्वारा मुकदमा किया गया था, सैकड़ो बाढ़ पीड़ितों को जेल जाना पड़ा, अब फिर उसी सूची को आधार बनाया जा रहा है, जिस सूची के आधार पर वे लोग राहत सामग्री व राशि का लाभ उठाये जो बाढ़ से प्रभावित थें ही नहीं या बहुत कम प्रभावित थे, वे गरीब, दलित, मुसहर जाति के लाखों परिवार जो वास्तविक बाढ़ पीड़ित थे, को बंचित होना पड़ा था, बंचित लोगों की सूची बना कर बार बार अंचल और प्रखण्ड कार्यालयों में जामा करने के बाद भी राहत सामग्री व राशि नहीं मिला था, ठीक उसी गलती को प्रशासन द्वारा दोहराने का कोशिश किया जा रहा है! माले विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा है कि अधिकारी और कर्मचारी टेबल वर्क छोड़े, बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में जाकर असल प्रभावित परिवारों को सूची बनाये, एक भी प्रभावित परिवार का नाम नहीं छूटना चाहिए! अगर जिला प्रशासन इस तरह के अनियमितता को ध्यान में रख कर सूची नहीं बना तो जनता अधिकारियों- कर्मचारियों को हिसाब करेंगी.