कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के खिलाफ कांग्रेस ने संविधान बचाओ आंदोलन का ऐलान किया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि ब्लॉक, तहसील, जिला स्तर से लेकर राजधानी तक आंदोलन किए जाएंगे। उन्होंने कहा, अडाणी घोटाले के खिलाफ आवाज उठाने के कारण राहुल गांधी को निशाना बनाया गया। उन्होंने बताया कि आंदोलन की जिम्मेदारी सौंपने के लिए कमेटी बनाई जाएंगी। यह निर्णय कांग्रेस मुख्यालय में हुई बैठक में लिया गया।
बैठक में सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मौजूद रहे। वहीं, बैठक के बाद प्रियंका गांधी ने कहा, हमारी रगों में शहीदों का खून है, जो इस देश के लिए बहा है। हम डट कर लड़ेंगे, हम डरने वाले नहीं हैं। राहुल गांधी ने अडाणी-मोदी के संबंधों पर सवाल किया था। सरकार इसका जवाब देना नहीं चाहती। राहुल के खिलाफ एक्शन इसी सवाल का नतीजा है।
वहीं, राहुल गांधी के समर्थन में पार्टी ने सोशल मीडिया पर डरो मत कैंपेन शुरू किया है। पार्टी के ट्विटर हैंडल पर भी इसे लगाया गया है। पार्टी के कार्यकर्ता इसे शेयर कर रहे हैं। इसके अलावा पार्टी के प्रदर्शनों में भी इस नारे को बैनर-पोस्टर पर प्रमुखता से इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे पहले राहुल की सदस्यता रद्द करने के फैसले से पहले कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने पहले संसद और फिर दिल्ली की सड़कों पर प्रोटेस्ट किया। विपक्षी दलों ने विजय चौक तक मार्च निकाला। जो पोस्टर विपक्षी सांसदों ने लिए थे, उन पर लिखा था, लोकतंत्र खतरे में है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लोकतंत्र की हिफाजत के लिए हमें जेल भी जाना पड़ा तो जाएंगे। दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर पर भी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। कर्नाटक में भी कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार को हिरासत में लिया गया है। जम्मू में भी प्रदर्शन हुए। साथ ही 14 विपक्षी दल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। इन दलों का आरोप है कि केंद्र सरकार CBI-ED जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर विपक्ष के नेताओं काे टारगेट कर रही है। सुप्रीम कोर्ट 5 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई करेगी।
– एजेंसी