फेडरल स्टडी (Federal Study) में इस बात का दावा किया गया है कि कोरोनोवायरस महामारी से लड़ने के लिए Pfizer-BioNTech और Moderna टीके, जो दिए जा रहे हैं, वे वृद्ध वयस्कों को अस्पताल में भर्ती होने से रोकने में अत्यधिक प्रभावी हैं.
कोरोनावायरस से दुनियाभर में तबाही का मंज़र देखने को मिला. ऐसे में दुनियाभर में कोरोनावायरस से बचाव के लिए लोगों को वैक्सीन देने का काम तेजी से चल रहा है. वैक्सीन लगवाने के बाद कोविड-19 से संक्रमितों में हॉस्पिटल में भर्ती होने और मौत का खतरा कम हो जाता है. बुधवार को जारी फेडरल स्टडी (Federal Study) में इस बात का दावा किया गया है कि कोरोनोवायरस महामारी से लड़ने के लिए Pfizer-BioNTech और Moderna टीके, जो दिए जा रहे हैं, वे वृद्ध वयस्कों को अस्पताल में भर्ती होने से रोकने में अत्यधिक प्रभावी हैं, जिनमें बीमारी होने और मौत का खतरा अधिक होता है.
CDC के अनुसार, स्टडी में पाया गया कि पूरी तरह से टीकाकरण किए गए 65 और उससे अधिक उम्र के लोगों में कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती होने की संभावना उन लोगों के तुलना में 94 फीसदी कम थी, जिनको टीका नहीं लगा है. वहीं, जिन लोगों को आंशिक रूप से टीका लगाया गया था, उनमें टीका न लगवाने वालों की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 64% कम देखी गई.
यूके में बुधवार को जारी एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि Pfizer-BioNTech या Oxford-AstraZeneca वैक्सीन की एक खुराक से कोरोनोवायरस का ट्रांसमिशन लगभग 50% तक कम हो सकता है.पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के शोधकर्ताओं ने कहा कि टीकाकरण के लगभग दो सप्ताह बाद सुरक्षा देखी गई.
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के अध्ययन में पाया गया है कि वैक्सीन की एक खुराक प्राप्त करने के तीन सप्ताह बाद कोरोनोवायरस से संक्रमित होने वाले लोग, वैक्सीन न लेने वाले लोगों की तुलना में अपने कॉन्टैक्ट में आए लोगों में 38 से 49% कोरोना के इंफेक्शन को कम ट्रांसफर कर रहे थे. यह अध्ययन 24,000 परिवारों के 57,000 लोगों पर किया गया, जिन्हें टीकाकरण वाले व्यक्ति के संपर्क में माना गया था.