संत बाबा राम सिंह का कल होगा अंतिम संस्कार, किसानों के समर्थन में की थी आत्महत्या
संत बाबा राम सिंह किसान होने के साथ धार्मिक उपदेशक भी थे. वो पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में थे और किसानों के समर्थन में आवाज उठा रहे थे.
संत बाबा राम सिंह का शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा. इससे पहले बुधवार को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल हॉस्पिटल में उनका पोस्टमार्टम हुआ. पोस्टमार्टम के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति में संत बाबा राम सिंह के शव को सिंगड़ा गांव ले जाया गया. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी. गुरुवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु अंतिम दर्शन करने पहुचेंगे. किसानों पर सरकार के कथित जुल्म के खिलाफ संत बाबा राम सिंह ने बुधवार को आत्महत्या कर ली थी. वो सिंघु बॉर्डर पर किसानों के धरने में शामिल होने आए थे.
संत बाबा राम सिंह का सुसाइड नोट भी सामने आया. उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है कि किसानों का दुख देखा. वो अपना हक लेने के लिए सड़कों पर हैं. बहुत दिल दुखा है. सरकार न्याय नहीं दे रही. जुल्म है. जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है. संत बाबा राम सिंह आगे लिखते हैं कि किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ नहीं किया. कइयों ने सम्मान वापस किए. यह जुल्म के खिलाफ आवाज है. वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह.
संत बाबा राम सिंह किसान होने के साथ धार्मिक उपदेशक भी थे. वो पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में थे और किसानों के समर्थन में आवाज उठा रहे थे. उन्होंने शिविर की भी व्यवस्था की थी और कंबल भी बांटे थे. संत बाबा राम सिंह के अनुयायियों का कहना है कि संत बाबा राम सिंह ने आत्महत्या नहीं की बल्कि किसानों के लिए शहादत दी है.
65 वर्षीय बाबा राम सिंह हरियाणा के करनाल के रहने वाले थे. बताया जाता है कि हरियाणा और पंजाब के अलावा दुनियाभर में उनके लाखों की संख्या में अनुयायी हैं. वो कई सिख संगठनों में अलग-अलग पदों पर रह चुके हैं. संत बाबा रामसिंह का डेरा करनाल जिले में सिंगड़ा गांव में है. वो सिंगड़ा वाले बाबा जी के नाम से मशहूर थे. बाबा राम सिंह सिंगड़ा वाले डेरे के अलावा दुनिया के अलग-अलग देशों में प्रवचन करने के लिए जाते थे.
बुधवार देर शाम को संत बाबा राम सिंह का पार्थिव शरीर करनाल आया. कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के मोर्चरी में देर शाम तक उनके पोस्टमार्टम को लेकर अनुयायियों और प्रशासन के बीच असमंजस की स्थिति बनी रही. लेकिन बाद में रात 11:00 बजे के बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया हुई.
बाद में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, करनाल पहुंचे और उनके दर्शन किए. एक दिन पहले ही संत बाबा राम सिंह ने गुरनाम सिंह चढूनी से 45 मिनट तक मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने किसानों के मुद्दे पर बात की थी और उनकी स्थिति जानने का प्रयास किया.
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