मतगणना केंद्रो पर उम्मीदवारों की एंट्री को लेकर चुनाव आयोग ने बनाए ये कड़े नियम
नई दिल्ली: पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की मतगणना को लेकर चुनाव आयोग ने कड़ा नियम बनाया है। चुनाव आयोग ने कहा कि उम्मीदवारों को नेगेटिव कोविड रिपोर्ट और वैक्सीन के दो टीके लगने का प्रमाण पत्र दिखाए बिना मतगणना केंद्रों के अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी।
इससे पहले, चुनाव आयोग ने देश में भारी कोविड वृद्धि के बीच बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुदुचेरी में हाल ही में हुए चुनावों के परिणामों पर किसी भी विजय उत्सव पर प्रतिबंध लगा दिया था।
आज एक नए आदेश में चुनाव आयोग ने 2 मई (रविवार) को मतगणना केंद्रों के बाहर किसी भी सार्वजनिक सभा पर प्रतिबंध लगा दिया। उम्मीदवारों और उनके एजेंटों को नेगेटिव आरटी-पीसीआर परीक्षण के बाद ही अनुमति दी जाएगी, जोकि 48 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होगी।
मतगणना शुरू होने से कम से कम 48 घंटे पहले उम्मीदवारों को एक नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट या रैपिड एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट या टीकाकरण प्रमाणपत्र दिखाना होगा। इसके साथ ही मतगणना के तीन दिन पहले उम्मीदवारों को मतगणना एजेंटों की एक सूची प्रदान करनी होगी।
कल बंगाल में देश में कोरोना वायरस के मामलों में भारी वृद्धि के बीच अंतिम दौर की वोटिंग होगी। इससे पहले दलों और राजनेताओं द्वारा भीड़ भरे अभियानों और रोड शो में कोविड के सुरक्षा नियमों जैसे कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया था।
इस सप्ताह की शुरुआत में मद्रास उच्च न्यायालय ने चुनाव अभियान के लिए “राजनीतिक नियमों की अवहेलना” और “चुप्पी साधने” का आरोप लगाया, जिसने कोविड के नियमों का उल्लंघन किया और कहा कि “किसी भी कीमत पर गिनती आगे बढ़ने के लिए कड़े नियम बनाए जाएं।”
चुनाव आयोग में दलील के दौरान अदालत ने कहा, “आपकी संस्था COIDID-19 की दूसरी लहर के लिए अकेले जिम्मेदार है। आपके अधिकारियों पर हत्या के मामले को दर्ज किया जाना चाहिए, क्या आप किसी अन्य ग्रह पर थे, जब चुनाव रैलियों का आयोजन हुआ था?”
चुनाव आयोग ने कल अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कोविड प्रोटोकॉल को बनाए रखना राज्य के अधिकारियों की जिम्मेदारी है और चुनाव आयोग ने इसके लिए कई निर्देश जारी किए हैं।