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राजस्थान में सियासी हलचल, BTP के 2 विधायकों ने गहलोत सरकार से समर्थन वापस लिया

राजस्थान में सियासी हलचल, BTP के 2 विधायकों ने गहलोत सरकार से समर्थन वापस लिया

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के सामने संकट खड़ा हो गया है. भारतीय ट्राइबल पार्टी ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस ले लिया है.

पंचायत चुनाव में मिली हार के बाद राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के सामने संकट खड़ा हो गया है. भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. BTP के दो विधायक लगातार गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे थे.

इस साल की शुरुआत में जब विधानसभा में गहलोत सरकार ने अपना बहुमत साबित किया था, तब दोनों विधायकों ने अशोक गहलोत का समर्थन किया था.

कांग्रेस से खफा थी BTP
बीटीपी के दोनों विधायकों राजकुमार रोत और रामप्रसाद ने पार्टी अध्यक्ष और गुजरात के विधायक महेश वसावा से समर्थन वापसी लेने की बात कही थी, जिस पर अमल करते हुए उन्होंने अपना निर्णय ले लिया है. पायलट के बगावत ही नहीं बल्कि राज्यसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस प्रत्याशी केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी के पक्ष में मतदान किया था, लेकिन जिला परिषद का चुनाव कांग्रेस से नाता तोड़ने के लिए उन्हें मजबूर कर दिया.

हाल ही में राज्य में हुए पंचायत समिति के चुनाव में कांग्रेस को कई सीटों पर नुकसान हुआ है. BTP के विधायकों ने आरोप लगाया था कि चुनावों में कांग्रेस ने उसका साथ नहीं दिया और धोखा दिया. पंचायत चुनाव में 1833 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस को 1713 सीटों पर जीत मिली है. इसके अलावा जिला प्रमुख के चुनावों में भी बीजेपी का प्रदर्शन कांग्रेस से काफी बेहतर था.

बता दें कि राजस्थान के आदिवासी डूंगरपुर जनपद में जिला परिषद सदस्यों के चुनाव में बीटीपी को सबसे ज्यादा सीटें मिली थी, लेकिन कांग्रेस और बीजेपी के हाथ मिलाने के चलते बीटीपी का जिला प्रमुख नहीं बन सका. वहीं, डूंगरपुर में बीजेपी ने अपना जिला प्रमुख बना लिया.

CM गहलोत ने जताई थी चिंता
साथ ही बीते दिनों खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आशंका जताई थी कि राज्य में फिर एक बार सरकार गिराने की हलचल शुरू हो गई है. अशोक गहलोत ने ये दावा पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए किया था. अशोक गहलोत के मुताबिक, बीजेपी फिर राजस्थान और महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है.

बता दें कि इस साल की शुरुआत में ही कांग्रेस राजस्थान में दो गुटो में बंट गई थी. सचिन पायलट खफा होकर अपने समर्थक विधायकों के साथ अलग हो गए थे, लंबे वक्त तक चले सियासी ड्रामे के बाद सचिन पायलट माने और वापस आए. लेकिन तब से अबतक सचिन पायलट को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली है.

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