पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर ने शुभेंदु अधिकारी का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है. उन्होंने कहा है कि इस्तीफा सही फॉर्मेट में नहीं है. स्पीकर ने 21 दिसंबर को शुभेंदु अधिकारी को बुलाया है और कहा कि उन्हें खुद आकर इस्तीफा देना होगा.
पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर ने शुभेंदु अधिकारी का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है. उन्होंने कहा है कि इस्तीफा सही फॉर्मेट में नहीं है. स्पीकर ने 21 दिसंबर को शुभेंदु अधिकारी को बुलाया है और कहा कि उन्हें खुद आकर इस्तीफा देना होगा.
बता दें कि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में मंत्री रहे शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. इससे पहले बुधवार को टीएमसी में अच्छी खासी पकड़ रखने वाले शुभेंदु अधिकारी ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. माना जा रहा है कि शुभेंदु अधिकारी जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो सकते हैं.
शुभेंदु अधिकारी बीते कई दिनों से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से नाराज चल रहे थे. उन्हें कई बार मनाने की कोशिश भी की गई, लेकिन उन्होंने टीएमसी को छोड़ने का मन बना लिया था. टीएमसी में शुभेंदु अधिकारी का कद काफी बड़ा था. दरअसल, पश्चिम बंगाल की 65 विधानसभा सीटों पर अधिकारी परिवार की मजबूत पकड़ है. ये सीटें राज्य के छह जिलों में फैली हैं.
शुभेंदु अधिकारी के प्रभाव वाली सीटों की संख्या राज्य की कुल 294 सीटों के पांचवें हिस्से से ज्यादा है. शुभेंदु अधिकारी पूर्वी मिदनापुर जिले के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आते हैं. उनके पिता शिशिर अधिकारी 1982 में कांथी दक्षिण से कांग्रेस के विधायक थे, लेकिन बाद में वे तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक बन गए.
शुभेंदु अधिकारी 2009 से ही कांथी सीट से तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं. 2007 में शुभेंदु अधिकारी ने पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम में एक इंडोनेशियाई रासायनिक कंपनी के खिलाफ भूमि-अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन खड़ा किया. इस आंदोलन ने ही 34 साल से सत्ता पर काबिज वाम दलों को सत्ता से बाहर करने में अहम भूमिका निभाई थी
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