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दमोह के अस्पताल में Oxygen cylinders आते ही लूट ले गए लोग

जिले के कलेक्टर ने बताया कि उन्हें बताया गया कि जैसे ही अस्पताल में ऑक्सीजन भरा ट्रक आया, लोगों ने सिलेंडर लूट लिया। उन्होंने बताया कि ये घटना तब हुई जब जिला अस्पताल में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में है।

दमोह. कोरोना की दूसरी लहर प्रचंड कहर बरपा रही है। देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी है। इस बीच मध्य प्रदेश के दमोह से ऑक्सीजन सिलेंडर लूटे जाने का मामला सामने आया है। कल रात दमोहर के जिला अस्पताल में कुछ लोगों द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडर लूटे लिए गए। जिले के कलेक्टर ने बताया कि उन्हें बताया गया कि जैसे ही अस्पताल में ऑक्सीजन भरा ट्रक आया, लोगों ने सिलेंडर लूट लिया। उन्होंने बताया कि ये घटना तब हुई जब जिला अस्पताल में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में है। कलेक्टर ने कहा कि घटना में लिप्त लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं।

लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दमोहर के जिला अस्पताल के प्री कोविड वार्ड में भर्ती मरीज के परिजनों ने कल सिलेंडरों की लूटपाट की। ये लोग अपने मरीज के लिए एक सिलेंडर लूटते तो समझ आता लेकिन इन्होंने एक नहीं दो-दो सिलेंडर लूटे। सिलेंडरों की लूट के बाद मामला इतना बढ़ गया कि रात को अस्पताल में पुलिस को बुलाना पड़ा। 

 

स्वास्थ्य मंत्रालय के वक्तव्य के मुताबिक हर्षवर्धन ने कहा कि आम जनता में बेड की उपलब्धता को लेकर व्याकुलता है। स्वास्थ्य मंत्री ने दस एम्स अस्पतालों, पीजीआईएमईआर-चंडीगढ़ और जेआईपीएमईआर-पुडुचेरी के निदेशकों की बैठक की अध्यक्षता की। बयान के अनुसार, ‘‘हम टीकाकरण के मामले में दुनिया में सबसे तेज हैं। 1.8 प्रतिशत की मृत्यु दर दुनिया में सबसे कम है और लगातार कम हो रही है।’’ उन्होंने निदेशकों से अनुरोध किया कि जिन्हें अस्पतालों में देखभाल की जरूरत है उन्हें ये सुविधाएं दी जाएं और जिन्हें ऑक्सीजन या वेंटिलेटरों की जरूरत है, उन्हें वे मुहैया कराये जाएं।

हर्षवर्धन ने यह भी कहा, ‘‘गुणवत्ता परक स्वास्थ्य सुविधाएं देने के नाते से एम्स की विशेष जिम्मेदारी है। आपको सुनिश्चित करना होगा कि अस्पतालों में सभी सुविधाएं संचालित हों।’’ हर्षवर्धन ने आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित नेक्स्ट जेन हेल्थ समिट ‘री-इमेजिन हेल्थकेयर’ में मंगलवार को पहले से रिकॉर्ड वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि कोरोना वायरस की स्थिति एक बार फिर गंभीर है लेकिन उम्मीद है कि पूरी सरकार और समस्त समाज के साथ मिलकर काम करने से हम एक बार फिर महामारी की इस लहर से पार पा जाएंगे।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार मंत्री ने कहा कि कोविड-19 ने पूरी दुनिया में स्वास्थ्य प्रणाली में अनेक खामियों को उजागर किया है लेकिन इससे सार्वजनिक नीति निर्माण की प्रक्रिया के केंद्र में स्वास्थ्य विषय आया है। उन्होंने कहा कि इस समय देश में आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत 75,000 से अधिक आयुष्मान भारत- स्वास्थ्य और वैलनेस केंद्र चल रहे हैं और 2022 के अंत तक इस संख्या को दोगुना करने का विचार है।

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